CDSL vs NSDL: कौन है बेहतर डिपॉजिटरी और क्यों गिर रहे हैं इनके नंबर्स?
Blog post dभारत में दो मुख्य डिपॉजिटरी कंपनियां हैं – CDSL (Central Depository Services Limited) और NSDL (National Securities Depository Limited)। ये दोनों कंपनियां भारतीय स्टॉक मार्केट की रीढ़ मानी जाती हैं। इस आर्टिकल में हम समझेंगे इनका बिज़नेस मॉडल, हाल के वित्तीय नतीजे (Q1 FY26), स्टॉक पर असर और भविष्य की संभावनाएं। डिपॉजिटरी क्या है? जब भी आप शेयर खरीदते हैं, वो आपके Demat Account में आते हैं। लेकिन असल में वे शेयर आपके पास न होकर Depository के पास सुरक्षित रहते हैं। Depository = Registered Owner Investor = Beneficial Owner यानि डिपॉजिटरी आपके शेयरों का "रखवाला" है। CDSL और NSDL का बिज़नेस मॉडल इनकी आय दो भागों में बंटी होती है: 1. Recurring Revenue (स्थिर आय) कंपनियों से सालाना चार्ज (Annual Fees) AGM, E-Voting जैसी कॉर्पोरेट सर्विसेज यह आय हमेशा बनी रहती है, मार्केट मूड पर ज्यादा निर्भर नहीं। 2. Non-Recurring Revenue (वेरिएबल आय) शेयर बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम से कमाई नए IPOs से रेवेन्यू नए Demat अकाउंट खोलने पर KYC फीस यह आय पूरी तरह Bull/Bear Market पर निर्भर करती है। Q1 FY26 के नतीजे (June 2025) NSDL Results: Consolidated Sales ~5% गिरे कारण: कम IPOs और घटे हुए वॉल्यूम CDSL Results: Sales लगभग फ्लैट रहे Demat अकाउंट ग्रोथ Q1 में घटा, जो चिंता का विषय है क्यों गिर रहे हैं CDSL और NSDL के नतीजे? पिछले कुछ महीनों में मार्केट में Bearish टोन रहा IPOs कम आए Average Daily Turnover (ADTO) में बहुत ज्यादा ग्रोथ नहीं Demat अकाउंट ओपनिंग भी घटा → KYC रेवेन्यू पर असर CDSL vs NSDL – Comparison Metric CDSL NSDL Market Share (Demat A/c) ~80% ~20% Recurring Revenue Dependence 60-65% 45% Non-Recurring Revenue Dependence 35-40% 55% Volatility Relatively Stable ज्यादा मार्केट डिपेंडेंट Long-Term Growth Drivers Demat Accounts का स्कोप भारत में अभी ~20-21 करोड़ Demat Accounts PAN Card Holders ~70-80 करोड़ → अभी भी लंबा रास्ता बाकी Unlisted Companies लाखों कंपनियां अभी भी Physical Shares में Dematerialization से बड़ा Growth Potential Insurance Dematerialization CDSL Insurance Contracts को Demat फॉर्मेट में लाने पर काम कर रहा है यह भविष्य में बड़ा Revenue Driver साबित हो सकता है निवेशकों के लिए सीख Bear Market में Entry Risky है IPO और वॉल्यूम कम → Growth नहीं दिखेगी पैसा लंबे समय तक फंसा रह सकता है Bull Market में Entry फायदेमंद है नए Demat Accounts, ज्यादा IPOs, ज्यादा वॉल्यूम Revenue Growth और Stock Momentum दोनों तेज़ निष्कर्ष CDSL और NSDL दोनों ही भारत की कैपिटल मार्केट ग्रोथ से सीधे जुड़े हुए हैं। CDSL: ज्यादा स्टेबल, 80% Market Share NSDL: मार्केट मूवमेंट पर ज्यादा निर्भर 👉 अगर आप Long-Term Investor हैं, तो ये कंपनियां बेहतरीन विकल्प हो सकती हैं। लेकिन Entry Timing बेहद जरूरी है। इन स्टॉक्स को हमेशा Bull Market Momentum में पकड़ना सही रहेगा।
8/17/20251 min read
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