Yatharth Hospital यथार्थ हॉस्पिटल्स Q1 FY26 रिजल्ट: ग्रोथ जारी लेकिन मार्जिन और प्रॉफिटेबिलिटी पर रहेगा दबाव
Yatharth Hospital & Trauma Care Services consolidated net profit rises 38.38% in the June 2025 quarter Yatharth Hospital Announces Key Appointments and Financial Results यथार्थ हॉस्पिटल्स, दिल्ली-एनसीआर रीजन की एक प्रमुख मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल चेन है। कंपनी ने 2010 में ग्रेटर नोएडा से अपनी यात्रा शुरू की थी और आज इसके पास 2300 से अधिक बेड्स हैं। हाल ही के वर्षों में कंपनी ने आक्रामक रूप से हॉस्पिटल्स का अधिग्रहण किया है, जिससे इसकी उपस्थिति नोएडा, ग्रेटर नोएडा, नोएडा एक्सटेंशन, झांसी, फरीदाबाद और दिल्ली तक फैल गई है। Q1 FY26 में कंपनी का प्रदर्शन: रेवेन्यू ग्रोथ: कंपनी ने 22% की साल-दर-साल (YoY) रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की। जबकि मैनेजमेंट का FY26 के लिए गाइडेंस ~30% का था, Q1 में यह लक्ष्य मिस हुआ। मुख्य वजह रही – दो नए हॉस्पिटल्स (दिल्ली और फरीदाबाद) की शुरुआत में देरी। EBITDA और मार्जिन्स: EBITDA में 20% की YoY ग्रोथ हुई। मार्जिन 25% रहा, जो कि पिछले वर्ष से थोड़ा कम है लेकिन Q4 की तुलना में 40 बेसिस पॉइंट का सुधार दिखाता है। यह एक पॉजिटिव सरप्राइज रहा क्योंकि अनुमान था कि नए हॉस्पिटल्स के कारण ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ेगी। PAT (Net Profit): 40% की YoY ग्रोथ, जो कि कंपनी के टॉपलाइन ग्रोथ से कहीं ज्यादा है। इसका मुख्य कारण था – फाइनेंस कॉस्ट का इस क्वार्टर में जीरो हो जाना। Q1 FY25 में यह ₹34 करोड़ था। ऑक्यूपेंसी और ARPOB (Revenue per Occupied Bed): ऑक्यूपेंसी: ग्रुप लेवल पर ऑक्यूपेंसी बढ़कर 65% हो गई (पिछले वर्ष 61%)। झांसी हॉस्पिटल में 59% ऑक्यूपेंसी (YoY: 45%, QoQ: 50%)। ग्रेटर फरीदाबाद हॉस्पिटल में 55% (YoY: 10%, QoQ: 38%)। ARPOB: ग्रुप लेवल पर ARPOB ₹32,000 रहा (YoY: 6% ग्रोथ)। नोएडा एक्सटेंशन में 7% ग्रोथ, ग्रेटर नोएडा में 9%, नोएडा हॉस्पिटल में भी 9% सुधार। इसका मुख्य कारण था: पेयर मिक्स (payor mix) में बदलाव – गवर्नमेंट की तुलना में इंश्योरेंस और कैश बिजनेस का हिस्सा बढ़ाना। नए हॉस्पिटल्स की स्थिति: दिल्ली और नया फरीदाबाद हॉस्पिटल: दिल्ली वाला हॉस्पिटल जुलाई में शुरू हो गया। फरीदाबाद वाला अगस्त में शुरू होगा। इन दोनों हॉस्पिटल्स से ₹34,000–₹35,000 ARPOB की उम्मीद है – जो ग्रुप के ₹32,000 से ज्यादा है। डे वन से सुपर स्पेशलिटी सेवाएं शुरू होंगी (ऑन्कोलॉजी, कार्डियोलॉजी, रेडियोलॉजी आदि)। गवर्नमेंट बिजनेस का हिस्सा 15% ही रखा जाएगा (ग्रुप लेवल पर 36–37%)। ग्रेटर फरीदाबाद: ऑपरेशनल एफिशिएंसी काफी बेहतर रही। यह हॉस्पिटल Q3 FY25 से ही नेट प्रॉफिट पॉजिटिव हो गया है। गवर्नमेंट और प्राइवेट इंश्योरेंस दोनों से पहले से इंपैनलमेंट होने के कारण तेजी से स्केल हुआ। वित्तीय चुनौतियां और निष्कर्ष: तेजी से एक्सपेंशन के कारण कंपनी का डिप्रिसिएशन कॉस्ट बढ़ेगा। नए हॉस्पिटल्स के कारण ऑपरेशनल कॉस्ट और प्रेशर बना रहेगा। इसलिए बॉटम लाइन ग्रोथ FY26 में सस्टेनेबल रहना मुश्किल हो सकता है। लेकिन: टॉप लाइन ग्रोथ, ऑक्यूपेंसी रेट्स, ARPOB, और नए हॉस्पिटल्स का स्केल-अप पॉजिटिव दिशा में है। कंपनी का ग्रेटर फरीदाबाद हॉस्पिटल उम्मीद से ज्यादा अच्छा कर रहा है – यह मार्जिन दबाव को कुछ हद तक संतुलित कर सकता है। इन्वेस्टर के लिए संकेत: बॉटम लाइन ग्रोथ को लेकर कंजरवेटिव रहना चाहिए। ऑपरेटिंग लीवरेज का स्कोप फिलहाल सीमित है, लेकिन लॉन्ग टर्म में बिजनेस ट्रैक मजबूत है। अगर किसी पोर्टफोलियो में V2 Retail और Yatharth जैसे दोनों स्टॉक हैं – तो इस समय V2 में ऑपरेटिंग लीवरेज की संभावना ज्यादा है। निष्कर्ष: Q1 FY26 का रिजल्ट यथार्थ हॉस्पिटल्स के लिए मजबूत है, हालांकि रेवेन्यू ग्रोथ में थोड़ी गिरावट है। लेकिन EBITDA मार्जिन में सुधार, PAT में तेजी, ऑक्यूपेंसी और ARPOB में ग्रोथ – ये सभी पॉजिटिव ट्रेंड्स हैं। आगे भी कंपनी का ट्रैक रॉबस्ट है, लेकिन FY26 में मार्जिन और प्रॉफिटेबिलिटी पर नज़र रखना जरूरी होगा।
8/6/20251 min read
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